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परमजीत कौर अपने कमरे में गुमसुम बैठी थी। उसकी आंखें सामने पड़े कलश पर टिकी हुई थीं। उसका दो वर्षीय पुत्र गहरी नींद सो रहा था। कमरे की निस्तब्धता को उसके ...